Exit Polls के नतीजे दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होने के बाद जारी कर दिए गए हैं। इसमें इस बार बीजेपी आम आदमी पार्टी से आगे दिख रही है। तीन एग्जिट पोल में बीजेपी दिल्ली में अपनी सरकार बनाते हुए दिख रही है।
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में 5 फरवरी को चुनाव संपन्न हुआ है। चुनाव समापन के साथ ही एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ रहे हैं जिसमें बीजेपी इस बार आम आदमी पार्टी से बढ़त लेती हुई दिख रही है।
दिल्ली में तीन बार से लगातार 2013,2015,2020 में आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की है।
एग्जिट पोल में किसको कितनी सीटें मिल रही हैं
5 फरवरी को विधानसभा चुनाव समाप्त होते ही एग्जिट पोल के नतीजे सामने आए हैं इसमें बीजेपी को सर्वाधिक 39 सीटें, आम आदमी पार्टी को 30 सीटें और कांग्रेस को एक सीट मिलती हुई दिख रही है।
Delhi Election Exit Polls ने इस बार सभी को चौंका दिया है। क्योंकि बीजेपी का इस बार सरकार बनाने का पूरा मौका दिख रहा है जिससे आम आदमी पार्टी भी पूरी तरह से परेशान दिख रही है। शराब घोटाले में नाम आने के बाद केजरीवाल में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था उसके बाद आतिशी को आप ने दिल्ली का मुख्यमंत्री घोषित किया था।
क्या कहते हैं एजेंसियों के आंकड़े
अलग अलग एजेंसियों ने अपने एग्जिट पोल के आंकड़े जारी कर दिए हैं जिनका ब्यौरा इस प्रकार है।
MATRIZE एजेंसी के अनुसार
MATRIZE ने अपने सर्वे के रिजल्ट जारी कर दिए हैं जिसमें भारतीय जनता पार्टी को 35 से 40 सीटें और वहीं आप पार्टी को 32-37 सीटें मिलती हुई दिख रहीं हैं। कांग्रेस का खराब प्रदर्शन इस बार भी जारी है और उनको एक सीट मिलती हुई दिखाई दे रही है।MATRIZE के अनुसार इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में कड़ी टक्कर दिख रही है।
चाणक्य स्ट्रैटजी के एग्जिट पोल आंकड़े
चाणक्य स्ट्रैटजी के एग्जिट पोल में बीजेपी को सर्वाधिक 39-44 सीटें और आम आदमी पार्टी को 25 से 28 सीटें मिल सकती हैं। वहीं कांग्रेस दो से तीन सीटों में सीटों में सिमट रही हैं।
कब आएगा दिल्ली विधानसभा का रिजल्ट
5 फरवरी को चुनाव समापन के बाद 70 विधानसभा उम्मीदवारों की किस्मत EVM मशीन में लॉक हो गई है। विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 8 फरवरी को जारी होगा।
किन सीटों पर होगी सबकी नजर
दिल्ली की हाई प्रोफाइल सीटों पर सबकी नजर होगी। कुछ प्रमुख नेताओं जैसे पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री आतिशी, प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी और कैलाश गहलोत पर सबकी नजर होगी। न्यू दिल्ली की सीट पर सबकी निगाहें होगी क्योंकि इस सीट पर आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल और बीजेपी से प्रवेश वर्मा वहीं कांग्रेस से दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित आमने-सामने हैं।
शिक्षक से नेता बने अवध ओझा सर की पटपड़गंज सीट भी काफी चर्चा में है उनके सामने बीजेपी से रविंद्र सिंह नेगी और कांग्रेस से अनिल चौधरी है। इस सीट पर काफी टक्कर देखी जा सकती है ।
जंगपुरा सीट से AAP से मनीष सिसोदिया, बीजेपी से सरदार तरविंदर सिंह मारवाह और कांग्रेस से फरहाद सूरी मैदान में हैं।
दिल्ली विधानसभा की सबसे हॉट सीट है कालकाजी विधानसभा जहां से मुख्यमंत्री आतिशी और बीजेपी से रमेश बिधूड़ी जो कि भारतीय जनता पार्टी से पूर्व सांसद है वहीं कांग्रेस से अलका लांबा के बीच त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिल रहा है।
एग्जिट पोल का क्या है इतिहास
एग्जिट पोल को लेकर भारत में पहली बार 1998 में गाइडलाइंस जारी हुई थीं. रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट 1951 के मुताबिक, जब तक सारे फेज की वोटिंग खत्म नहीं हो जाती, तब तक एग्जिट पोल नहीं दिखाए जा सकते. आखिरी चरण की वोटिंग खत्म होने के आधे घंटे बाद एग्जिट पोल के नतीजे दिखाए जा सकते हैं. कानून के तहत अगर कोई भी चुनाव प्रक्रिया के दौरान एग्जिट पोल या चुनाव से जुड़ा कोई भी सर्वे दिखाता है या चुनाव आयोग की गाइडलाइंस का उल्लंघन करता है तो उसे 2 साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है।
बीजेपी win